वर्तमान समय में प्रायः सभी लोगों को एक समय में एक से ज्यादा काम करने की आदत होती जा रही है. जिसे आप मल्टीटास्किंग (Multitasking) भी कह सकते है.
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मल्टीटास्किंग के 10 बड़े नुकसान |
लोगों में भ्रम है कि ऐसा करके वो अपना समय बचा रहे है और कम समय में ज्यादा काम भी कर पा रहे है लेकिन सच कुछ और ही है. ऐसा करके हम अपना केवल नुकसान ही कर रहे है.
एक समय में कई काम(मल्टीटास्किंग) शारीरिक और मानसिक तनाव को बढ़ाने का आसान उपाय है.
आप अगर अपने आसपास देखेंगे तो आपको प्रायः लोग मल्टीटास्किंग करते नजर आयेगें. वो टी. वी. देखते हुवे खाना खाते है या खाना खाते हुवे मोबाइल फ़ोन चलते है या फ़ोन पे बात करते है या सोशल मीडिया में लगे रहते है. कभी भी एक समय में एक काम को नहीं करते है.
मल्टीटास्किंग के नुकसान (LOSSES OF MULTITASKING)
हम सोचते है कि हम स्मार्ट हो गए है जो एक साथ कई काम पुरे कर लेते है. अगर आप भी उन लोगों में से एक है तो थोड़ा सम्हल जाइये और 2 मिनट रूककर सोचियें. ऐसा करके आप अपना ही नुकसान कर रहे है. मल्टीटास्किंग करना हमारे लिए नुकसानदायक होता है-
1. याददाश्त कमजोर होती है-
एक अध्ययन में पाया गया है कि एक साथ कई चीजों पर फोकस करने से सूचना को स्टोर करने में समस्या आती है जिसके कारण हमें किसी भी चीज को याद रखने में परेशानी होती है और धीरे-धीरे याददाश्त कमजोर होती जाती है. एक समय के बाद हमें छोटी- छोटी चीजे याद करने में भी बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
2. काम की गति धीमी होती है-
लोगों का मानना है की एक समय में कई काम करके वो अपना समय बचाते है और बहुत तेजी से काम करते है लेकिन इसके उल्टा होता है. मल्टीटास्किंग के वजह से हमारा किसी भी काम में कोई फोकस नहीं होता है और जल्दी ख़त्म होने वाले काम में भी ज्यादा समय लगता है. नतीजन हमारे काम करने की गति धीमी हो जाती है.
3. तनाव में वृद्धि-
काम में तनाव होना आजकल आम बात हो गयी है लेकिन अगर गौर किया जाये तो इसके पीछे मल्टीटास्किंग भी एक वजह है. लोग एक साथ कई सारे काम करने की कोशिश करते है और दिमाग को कई जगहों पर फोकस करने के बेवजह कोशिश करते है. सूचनाओं का ढेर होने और उन पर प्रतिक्रिया देने से जीवन में तनाव बढ़ते है.
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4.गलतिया अधिक होती है
अमेरिका में हुवे सर्वे के अनुसार जो लोग एक समय कई सारे काम करने की कोशिश करते है उनके कामो में गलतियां भी अधिक होती है. एक साथ कई जगह फोकस करने से काम में 100% दे पाना मुश्किल होता है और गलतियां बढ़ने लगती है.
5. शारीरिक खतरे
मल्टीटास्किंग से शारीरिक खतरे की संभावना अधिक होती है. नूयार्क सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार 70% लोग पैदल चलते हुवे या बाइक चलते हुवे मोबाइल फ़ोन पे बातें करते है जिससे ध्यान बट जाता है और शारीरिक खतरे की सम्भावना बढ़ जाते है.
6 . ज्यादा डिस्टर्ब रहना
जो लोग सप्ताह के सातो दिन मल्टीटास्किंग करते है उनका व्यव्हार एक आम इंसान के मुकाबले असामान्य होता है मतलब वह ज्यादा डिस्टर्ब होता है. मल्टीटास्किंग की वजह से व्यक्ति अपने रोजमर्रा के जीवन में जरुरी कामों को भी समय पर नहीं कर पता है साथ ही साथ गैर-जरुरी कामों में पूरा समय ख़राब कर डालते है. जरुरी और गैर-जरुरी कामों में फर्क करना मुश्किल होता है.
7 .मोटापा बढ़ता है
ज्यादातर लोगों में टी. वी. देखते हुवे खाना खाने की आदत होती है या कुछ लोग अपने कंप्यूटर में काम करते हुवे भी कुछ न कुछ खाते रहते है. ऐसे करने से हमारा ध्यान टी.वी या कंप्यूटर पर ही होता और हम जरुरत से ज्यादा खाना ले लेते है और मोटापा जैसे बीमारी को बुलावा भेजते है.
8 . टूटते रिश्ते-
एक समय में कई सारे काम करने या मल्टीटास्किंग से हमारा दिमाग उलझा रहता है जिसके कारण हम अपने पारिवारिक रिश्ते में ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते है और इससे रिश्तो में कई तरह के समस्याएं पैदा हो जाती है. नतीजन रिश्ते टूटने लगते है.
इसलिए कोशिश करें कि काम का कितना भी बोझ क्यों न हो, एक साथ कई काम करने के बजाय एक-एक करके काम करते जाइये.
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आपको यह आर्टिकल "मल्टीटास्किंग के 10 बड़े नुकसान । 10 BIG LOSSES OF MULTITASKING " आपको कैसा लगा और आपका इसके बारे में क्या मत है कमेंट करके जरूर बताइयेगा
9. सामाजिक बेचैनी-
फ़्रांस में हुवे शोध के अनुसार जो लोग ज्यादा मल्टीटास्किंग करते है उनमे ज्यादा सामाजिक बेचैनी पायी जाती है. कई कामों को एक साथ अंजाम देने के चक्कर में उलझे रहते है. ऐसे लोगो को दूसरे से मिलाने-जुलने में बहुत दिक्कत होती है और उनमे कई तरह के बेचैनी देख सकते है जैसे - बात करते हुवे ध्यान कही और होना, बातों पे जल्दी रिएक्ट न कर पाना, बातों को गलत समझ लेना.10. रचनात्मकता में कमी-
मल्टीटास्किंग का सबसे बड़ा नुकसान हमारे रचनात्मकता को ख़त्म करना है. मल्टीटास्कर होने के कारण हमारा दिमाग कई सारे चीजों में उलझा रहता है जिससे हम किसी भी काम में एक्सपर्ट नहीं बन पाते और धीरे-धीरे हमारे अंदर से क्रिएटिविटी ख़त्म होने लगती है. क्रिएटिविटी हमारे दिमाग की सबसे बड़ी ताकत होती है जिसे मल्टीटॉस्किंग धीर-धीरे ख़त्म कर रही है.इसलिए कोशिश करें कि काम का कितना भी बोझ क्यों न हो, एक साथ कई काम करने के बजाय एक-एक करके काम करते जाइये.
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आज ज्यादातर लोग एक साथ कई काम सँभालने की कोशिश करते हैं इस कारण तनाव बढ़ रहा है .... उपयोगी पोस्ट
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद.
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